सोचो, करीब से धीमी, गहरी धक्के जब पैर टाइट मुड़े हों। नरम गद्दों पर कूल्हों को पकड़ने वाले हाथ दिखते हैं। कुछ सीन में पुराना तकिया किनारे धकेल दिया जाता है, जो पल को ज़मीनी बनाता है।