अरे, फिंगरिंग सीन तो सीधे पॉइंट पर आते हैं। सोच, एक पुराने सोफे पर धीमे-धीमे रगड़ रहे थे, उंगलियां तेज़ी से काम कर रही थीं। एक सीन में कार की बैकसीट पर कंबल के नीचे जल्दी-जल्दी टीज़िंग चल रही थी, हल्की सी सिसकारी सुनाई दे रही थी। तीसरे में डिम लाइट में चिप्ड नेल पॉलिश चमक रही थी, जबकि उंगलियां गहराई तक जा रही थीं।